चन्द्र ग्रहण सितंबर 2025: कब होगा, कहाँ दिखाई देगा और क्या-क्या ध्यान रखें?
सितंबर 2025 में एक महत्वपूर्ण खगोलीय घटना घटित होने जा रही है—संपूर्ण चन्द्र ग्रहण। जो उत्तर-भारत, दक्षिण-एशिया तथा अन्य कई भू-भागों में स्पष्ट रूप से दिखाई देगा। इसे धार्मिक दृष्टिकोण से भी विशेष माना जाता है क्योंकि यह पितृ पक्ष के बीच आता है।
संपूर्णता (Totality) लगभग 1 घंटे 22 मिनट लम्बा रहेगा
New Delhi (इंडिया) में पूरी घटना 5:27 घंटे की अवधि में घटित होगी, जिसमें “पीक” समय रात 11:41 बजे रहेगा।
यह ग्रहण Blood Moon (ब्लड मून) कहलाता है क्योंकि चंद्रमा लाल रंग में नजर आएगा।
2. ग्रहण कहां-कहां दिखाई देगा?
यह ग्रहण अधिकांश एशिया, यूरोप, अफ्रीका, ऑस्ट्रेलिया और पश्चिमी हिस्सों में स्पष्ट रूप से दिखाई देगा—लगभग 85% विश्व की आबादी इसे देख पाएगी।
भारत में अधिकांश क्षेत्रों में स्पष्ट दिखाई देगा, यदि आसमान साफ़ रहेगा तो अनुभव अद्भुत होगा।
यूके में, चंद्रमा जैसे ही अस्त करेगा, कुछ चरण दिखाई दे सकते हैं—पूर्वी क्षितिज से देखना बेहतर रहेगा।
3. धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व
यह ग्रहण पितृ पक्ष (Pitru Paksha) के दौरान हो रहा है, जो पितरों की आत्मा की शांति के लिए एक महत्वपूर्ण समय माना जाता है।
Sutak काल (एक धार्मिक हनिकााल), ग्रहण से लगभग 9 घंटे पहले से शुरू होगा और ग्रहण समाप्त होने तक रहेगा—इस दौरान पूजा, खाना पकाना और धार्मिक कार्य नहीं करना चाहिए।
मंदिरों में भी गतिविधियां बंद रहेंगी जैसे कि केवटा बंधन—विशेषकर आंध्र प्रदेश और तिरुपति में सम्मानजनक रीति अपनाई जाएगी।
4. वैज्ञानिक और खगोलीय जानकारी
यह Saros श्रृंखला 128 का 41वां ग्रहण है, जिसकी पूर्णता अवधि 82 मिनट 6 सेकंड है।
यह सम्पूर्ण चन्द्र ग्रहण ही नहीं, बल्कि यह Corn Moon (सितंबर का पूर्ण चंद्रमाह) पर हो रहा है, इसलिए इसे “Blood Corn Moon” भी कहते हैं।
संपूर्ण चंद्र ग्रहण दुर्लभ है—यह लालिमा (रक्तिम धुँआ, Blood Moon) बेहद मनोहारी दृश्य होता है और इसे नंगी आंखों से सुरक्षित रूप से देखा जा सकता है।
5. ध्यान रखने योग्य बातें (Do’s & Don’ts)
Do’s:
खुले आकाश में बाहरी धरातल से ग्रहण देखें—शहर के अंधेरे प्रकाश से दूर।
बीनॉकल या दूरबीन से रंग और विवरण बेहतर नजर आता है, लेकिन नग्न आंखों से देखना पूरी तरह सुरक्षित है।
अगर धार्मिक दृष्टिकोण से देखें—मंत्र जप, दान, धर्म शिक्षा, आदि करना शुभ माना जाता है।
Don’ts:
Sutak काल में खाना-पकाना, पूजा या धार्मिक कार्य नहीं करें और गर्भवती या बुजुर्गों को विशेष सावधानी बरतने की सलाह दें।
ग्रहण के समय नदी-समुद्र स्नान या तैराकी नहीं करें, परंपरागत रूप से धार्मिक अनुशासन महत्वपूर्ण है।
चन्द्र ग्रहण 2025 और गर्भवती महिलाओं के लिए महत्वपूर्ण बातें
भारतीय परंपरा और ज्योतिष शास्त्र में गर्भवती महिलाओं के लिए ग्रहण को विशेष रूप से महत्वपूर्ण माना जाता है। चन्द्र ग्रहण के समय उन्हें कुछ सावधानियाँ बरतनी चाहिए ताकि माँ और शिशु दोनों स्वस्थ रहें।
गर्भवती महिलाओं के लिए ध्यान रखने योग्य बातें:
तेज़ धार वाले औजारों से बचें – गर्भवती महिलाओं को ग्रहण के दौरान कैंची, चाकू, सुई जैसी चीज़ों का प्रयोग नहीं करना चाहिए। मान्यता है कि इससे बच्चे पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।
ग्रहण के समय सोने से बचें – गर्भवती महिलाओं को ग्रहण की अवधि में सोना नहीं चाहिए। परंपरा के अनुसार यह बच्चे की सेहत के लिए अच्छा नहीं माना जाता।
पेट पर हाथ रखने से परहेज़ करें – ग्रहण के दौरान बार-बार पेट पर हाथ नहीं रखना चाहिए। मान्यता है कि इससे शिशु पर बुरा असर पड़ सकता है।
मंत्र जाप और प्रार्थना करें – ग्रहण काल में सकारात्मक ऊर्जा बनाए रखने के लिए गर्भवती महिलाएँ मंत्र जाप, भगवान का नाम जप या ध्यान कर सकती हैं।
तुलसी पत्ते का सेवन या पास रखें – ग्रहण के समय भोजन नहीं करना चाहिए। यदि ज़रूरी हो, तो पहले से रखे भोजन में तुलसी पत्ते डाल दें।
ग्रहण के बाद स्नान और पूजा करें – ग्रहण खत्म होने के बाद गर्भवती महिलाएँ स्नान करके स्वच्छ वस्त्र पहनें और भगवान की आराधना करें।
शांत और सकारात्मक रहें – ग्रहण के दौरान मानसिक शांति बनाए रखना बहुत ज़रूरी है। किसी भी तरह के डर या तनाव से बचना चाहिए।
सारांश तालिका
बिंदु
जानकारी
तारीख
7 सितंबर, 2025 (रात से 8 सितंबर सुबह तक)
मुख्य समय
संपूर्णता: 11:00 PM–12:22 AM (IST); महत्त्वपूर्ण क्षण ~11:41 PM
दृश्यता
भारत, एशिया, यूरोप, अफ्रीका, ऑस्ट्रेलिया में स्पष्ट
धार्मिक महत्व
पितृ पक्ष, Sutak काल, मंदिर बंदी आदि
वैज्ञानिक पहलू
पूरी तरह से दिखाई देने वाला Blood Moon, Saros 128 श्रृंखला
Q1. यह चन्द्र ग्रहण पूरे भारत में दिखाई देगा? Ans- हाँ, भारत के अधिकांश हिस्सों में यह पूर्ण चन्द्र ग्रहण स्पष्ट रूप से दिखाई देगा, यदि आकाश साफ़ होगा।
Q2. Sutak काल क्या होता है और कब शुरू होगा? Ans-Sutak काल ग्रहण से लगभग 9 घंटे पहले शुरू होता है—7 सितंबर दोपहर 12:56 PM से प्रारंभ हो कर ग्रहण समाप्ति तक रहेगा। इस दौरान पूजा-व्रत आदि से बचना चाहिए।
Q3. क्या इसे Blood Moon भी कहा जाता है? Ans- हाँ, क्योंकि पृथ्वी की वायुमंडलीय प्रकाश परावर्तन की वजह से चाँद रक्तिम लाल दिखाई देता है, जिसे Blood Moon कहा जाता है।
Q4. मंदिरों में क्या बदलाव होंगे? Ans- चंद्र ग्रहण के दौरान आंध्रप्रदेश व तिरुपति के कई प्रमुख मंदिर बंद रहेंगे, जैसे केवटा बंधना प्रथा के अनुसार—शुद्धिकरण की रस्म ग्रहण समाप्ति के बाद सुबह की शुरुआत से होगी।
Q5. यह ग्रहण वैज्ञानिक दृष्टिकोण से क्यों महत्वपूर्ण है? Ans- यह ग्रहण लगभग 82 मिनट तक रहेगा, जिसे लंबे समय तक दिखने वाला दुर्लभ खगोलीय दृश्य माना जाता है। इसमें वैज्ञानिकों को वातावरणीय अध्ययन और चंद्र सतह विश्लेषण का मौका मिलता है।